ऋग्वेद (मंडल 9)
सो अ॑स्य वि॒शे महि॒ शर्म॑ यच्छति॒ यो अ॑स्य॒ धाम॑ प्रथ॒मं व्या॑न॒शे । प॒दं यद॑स्य पर॒मे व्यो॑म॒न्यतो॒ विश्वा॑ अ॒भि सं या॑ति सं॒यतः॑ ॥ (१५)
सोम इंद्र को प्रवेश करने में बहुत सुख देते हैं. सोम ने इंद्र के तेजपूर्ण शरीर को पहले प्राप्त किया था. उत्तम वेदी के ऊपर सोम का स्थान है. सोमरस से तृप्त होकर इंद्र सभी युद्धों में जाते हैं. (१५)
Som gives Indra great pleasure in entering. Som had first received Indra's radiant body. Above the best altar is the location of Mon. Satisfied with somras, Indra goes to all wars. (15)