सामवेद (अध्याय 1)
इत एत उदारुहन्दिवः पृष्ठान्या रुहन् । प्र भूर्जयो यथा पथोद्यामङ्गिरसो ययुः ॥ (२)
यज्ञ करने वाले आंगिरस ऋषि स्वर्गलोक को पहुंचे. उसी के प्रभाव से और भी ऊपर गए. (२)
The sage Angiras, who performed the yajna, reached heaven. The effect of the same went even higher. (2)