हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 1.11.8

अध्याय 1 → खंड 11 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 1)

सामवेद: | खंड: 11
न तस्य मायया च न रिपुरीशीत मर्त्यः । यो अग्नये ददाश हव्यदातये ॥ (८)
हे अग्नि! जो आप के लिए हवि पदार्थ देता है, उस पर कभी भी किसी दुष्ट (शत्रु) के छलकपट का असर नहीं होता है. (८)
O agni! The one who gives you the divine substance is never affected by the deceit of an evil (enemy). (8)