हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 1.11.9

अध्याय 1 → खंड 11 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 1)

सामवेद: | खंड: 11
अप त्यं वृजिनँ रिपुँ स्तेनमग्ने दुराध्यम् । दविष्ठमस्य सत्पते कृधी सुगम् ॥ (९)
हे अग्नि! आप छलीकपटी शत्रु को बहुत दूर फेंक दीजिए. आप सत्य के पालनहार हैं. हमारे लिए सुखशांति का मार्ग सुगम बनाइए. (९)
O agni! You throw the deceitful enemy too far away. You are the sustainer of truth. Make the path of peace easier for us. (9)