हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 10.1.3

अध्याय 10 → खंड 1 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 10)

सामवेद: | खंड: 1
कृण्वन्तो वरिवो गवेऽभ्यर्षन्ति सुष्टुतिम् । इडामस्मभ्यँ संयतम् ॥ (३)
हे सोम! आप हमें धन प्रदान करते हैं. आप हमारी गायों के लिए भी श्रेष्ठ धन प्रदान करते हैं. आप पालने वाले हैं. आप हमारी प्रार्थनाओं को स्वीकार कीजिए. (३)
O Mon! You provide us with funds. You also provide the best money for our cows. You're going to raise. You accept our prayers. (3)