सामवेद (अध्याय 10)
तं त्वा नृम्णानि बिभ्रतँ सधस्थेषु महो दिवः । चारुँ सुकृत्ययेमहे ॥ (७)
हे सोम! आप स्वर्गलोक के महान वैभव से संपन्न हैं. आप चारु (सुंदर) हैं. आप को हम अपने सुकर्मो से पाना चाहते हैं. हम आप की उपासना करते हैं. (७)
O Mon! You are endowed with the great splendour of heaven. You are Charu (beautiful). We want to get you through our good deeds. We worship you. (7)