हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 10.1.7

अध्याय 10 → खंड 1 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 10)

सामवेद: | खंड: 1
तं त्वा नृम्णानि बिभ्रतँ सधस्थेषु महो दिवः । चारुँ सुकृत्ययेमहे ॥ (७)
हे सोम! आप स्वर्गलोक के महान वैभव से संपन्न हैं. आप चारु (सुंदर) हैं. आप को हम अपने सुकर्मो से पाना चाहते हैं. हम आप की उपासना करते हैं. (७)
O Mon! You are endowed with the great splendour of heaven. You are Charu (beautiful). We want to get you through our good deeds. We worship you. (7)