हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.1.10

अध्याय 11 → खंड 1 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 1
आ पवस्व महीमिषं गोमदिन्दो हिरण्यवत् । अश्ववत्सोम वीरवत् ॥ (१०)
हे सोम! आप पवित्र व रसीले हैं. आप हमें गोवान, स्वर्णवान, अश्ववान एवं पुत्रवान बनाइए. आप हमें पौत्रवान बनाइए. (१०)
O Mon! You are pure and succulent. You make us Goans, Goldens, Horses and Sons. You make us grandchildren. (10)