हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.1.7

अध्याय 11 → खंड 1 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 1
प्र यद्गावो न भूर्णयस्त्वेषा अयासो अक्रमुः । घ्नन्तः कृष्णामप त्वचम् ॥ (७)
हे सोम! आप गायों के समान गतिशील, प्रकाशमान व काली चमड़ी को हटा कर द्रोणकलश में प्रवेश करते हैं. आप की स्तुति की जाती है. (७)
O Mon! You enter the dronakshalash by removing the moving, bright and black skin like cows. You are praised. (7)