हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.3.8

अध्याय 11 → खंड 3 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 3
इच्छन्नश्वस्य यच्छिरः पर्वतेष्वपश्रितम् । तद्विदच्छर्यणावति ॥ (८)
इंद्र पर्वतपति हैं. बादलों में छिपी अश्वशक्ति को उन्होंने प्रकटाया. आर्यो का विरोध करने वाली शक्तियों को छिन्रविच्छिन्न किया. (८)
Indra is a mountaineer. He showed the horsepower hidden in the clouds. The forces opposing the Aryans were taken away. (8)