हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.6.10

अध्याय 11 → खंड 6 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 6
ब्रह्मा देवानां पदवीः कवीनां ऋषिर्विप्राणां महिषोमृगाणाम् । श्येनो गृध्राणाँ स्वधितिर्वनानाँ सोमः पवित्रमत्येति रेभन् ॥ (१०)
सोम ब्रह्मज्ञानी, देवताओं, कवियों, ऋषियों, पशुओं, मृगों, बाज, गृध्रों व वनस्पतियों में व्याप्त हैं. सोम आवाज करता हुआ द्रोणकलश में जाता है. (१०)
Som is a brahmagyani, apostles, gods, poets, sages, animals, antelopes, eagles, donkeys and flora. Som goes to Dronakalash making a sound. (10)