हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 12.2.11

अध्याय 12 → खंड 2 → मंत्र 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 12)

सामवेद: | खंड: 2
यो जिनाति न जीयते हन्ति शत्रुमभीत्य । स पवस्व सहस्रजित् ॥ (११)
हे सोम! आप से डर कर शत्रु नष्ट हो जाते हैं. आप हजारों शत्रुओं को जीतने वाले हैं. हम पवित्र सोम की स्तुति करते हैं. (११)
O Mon! Enemies are destroyed by fearing you. You are going to conquer thousands of enemies. We praise the holy Soma. (11)