सामवेद (अध्याय 12)
सो अर्षेन्द्राय पीतये तिरो वाराण्यव्यया । सीदन्नृतस्य योनिमा ॥ (१३)
हे सोम! आप को इंद्र की तृप्ति के लिए छलनी से छान कर तैयार किया जाता है. आप यज्ञ में अपने स्थान पर विराजने की कृपा कीजिए. (१३)
O Mon! You are prepared by filtering with a sieve for indra's satisfaction. Please sit in your place in the yajna. (13)