सामवेद (अध्याय 12)
अर्षा सोम द्युमत्तमोऽभि द्रोणानि रोरुवत् । सीदन्योनौ योनेष्वा ॥ (१)
हे सोम! आप वन में विराजमान रहते हैं. आप दयुतिमान हैं. आप आवाज करते हुए द्रोणकलश में जाते हैं. (१)
O Mon! You sit in the forest. You are the gaming. You go to Dronakalsh while making a sound. (1)