हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 12.4.3

अध्याय 12 → खंड 4 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 12)

सामवेद: | खंड: 4
इषं तोकाय नो दधदस्मभ्यँ सोम विश्वतः । आ पवस्व सहस्रिणम् ॥ (३)
हे सोम! आप हमारे लिए सभी प्रकार के वैभव सभी ओर से प्रदान कीजिए. आप हजारों धाराओं से झरने की कृपा कीजिए. (३)
O Mon! You provide all kinds of splendour for us from all sides. Please shower thousands of streams. (3)