हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 12.7.9

अध्याय 12 → खंड 7 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 12)

सामवेद: | खंड: 7
इन्द्रमिद्धरी वहतोऽप्रतिधृष्टशवसम् । ऋषीणाँ सुष्टुतीरुप यज्ञं च मानुषाणाम् ॥ (९)
हे इंद्र! आप अपराजित हैं और सदैव शत्रुओं को हराते हैं. आप के घोड़े आप को यज्ञ स्थान तक पहुंचाने की कृपा करें. मनुष्यों के इस यज्ञ में ऋषि लोग स्तुतियां गा रहे हैं. (९)
O Indra! You are undefeated and always defeat enemies. Please your horses to take you to the yagna place. In this yajna of humans, sages are singing praises. (9)