सामवेद (अध्याय 13)
समुद्रो अप्सु मामृजे विष्टम्भो धरुणो दिवः । सोमः पवित्रे अस्मयुः ॥ (११)
हे सोम! आप देवलोक को धारण करते हैं. आप जलमय व आकांक्षी हैं. आप को बारबार भेड़ के बालों से बनी छलनी में छाना जाता है. (११)
O Mon! You wear Devlok. You are jealous and aspirational. You are repeatedly filtered in a sieve made of sheep's hair. (11)