हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 13.1.3

अध्याय 13 → खंड 1 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 13)

सामवेद: | खंड: 1
अग्रे सिन्धूनां पवमानो अर्षत्यग्रे वाचो अग्रियो गोषु गच्छसि । अग्रे वाजस्य भजसे महद्धनँ स्वायुधः सोतृभिः सोम सूयसे ॥ (३)
हे सोम! आप को हम स्तुतियों से आमंत्रित करते हैं. हम आप को शोधित और जलमय करने के समय भी स्तुति गाते हैं. आप अस्त्रशस्त्रमय हो कर आते हैं, गौ की रक्षा करते हुए आते हैं. आप प्रचुर धन देने के लिए भजे जाते हैं. (३)
O Mon! We invite you from the eulogies. We sing praises even while treating and watering you. You come armed, protecting the cow. You are sent to give abundant money. (3)