सामवेद (अध्याय 13)
ते स्याम देव वरुण ते मित्र सूरिभिः सह । इषँ स्वश्च धीमहि ॥ (६)
हे मित्र! हे वरुण! हम विद्वानों (ऋत्विजो) के साथ संपत्तिवान हों. आप की कृपा से हम अन्न और स्वर्ण पा कर ऐश्वर्य युक्त हों. (६)
Hey friend! O Varuna! Let us be wealthy with scholars (Ritvijo). By your grace, we should get food and gold and be rich in opulence. (6)