हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 13.6.2

अध्याय 13 → खंड 6 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 13)

सामवेद: | खंड: 6
त्वं विप्रस्त्वं कविर्मधु प्र जातमन्धसः । मदेषु सर्वधा असि ॥ (२)
हे सोम! आप ब्राह्मण, कवि (विद्वान) व आप अन्न से पैदा होने वाले पोषक तत्त्वों को देते हैं. आप प्रसन्नता देने वालों में सर्वश्रेष्ठ हैं. (२)
O Mon! You brahmins, poets (scholars) and you give the nutrients produced from food. You are the best of the happy ones. (2)