हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 14.1.10

अध्याय 14 → खंड 1 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 14)

सामवेद: | खंड: 1
समीचीनास आशत होतारः सप्तजानयः । पदमेकस्य पिप्रतः ॥ (१०)
हे सोम! सोमयज्ञ को पूर्णता देने के लिए उपयुक्त जाति के सात याज्ञिक यज्ञ अनुष्ठान को पूरा करने के लिए उपस्थित होते हैं. (१०)
O Mon! To give perfection to the Somyagya, seven yagniks of the appropriate jati are present to complete the yajna ritual. (10)