हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 14.1.6

अध्याय 14 → खंड 1 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 14)

सामवेद: | खंड: 1
राजानो न प्रशस्तिभिः सोमासो गोभिरञ्जते । यज्ञो न सप्त धातृभिः ॥ (६)
राजाओं की प्रशंसा और सात यजमानों से यज्ञ स्थापित किया जाता है. गाय के घी आदि से सोमरस को परिष्कृत किया जाता है. (६)
The yajna is established by praising the kings and seven hosts. Someras is refined with cow's ghee etc. (6)