हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 15.3.7

अध्याय 15 → खंड 3 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 15)

सामवेद: | खंड: 3
नित्यस्तोत्रो वनस्पतिर्धेनामन्तः सबर्दुघाम् । हिन्वानो मानुषा युजा ॥ (७)
हे सोम! आप के लिए प्रतिदिन स्तोत्र गाए जाते हैं. आप मनुष्यों को आपस में जोड़ने की कृपा कीजिए. आप वन के स्वामी हैं. आप हमारी अंतरतम से गाई गई स्तुतियों को स्वीकार करने की कृपा कीजिए. (७)
O Mon! Hymns are sung for you every day. Please connect human beings. You are the owner of the forest. Please accept our innermost praises. (7)