हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 15.3.8

अध्याय 15 → खंड 3 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 15)

सामवेद: | खंड: 3
आ पवमान धारय रयिँ सहस्रवर्चसम् । अस्मे इन्दो स्वाभुवम् ॥ (८)
हे सोम! आप पवित्र व सहस्र गुणों से संपन्न हैं. आप हमारे लिए धन धारण कीजिए. आप हमें अपने भवन का अधिकारी बनाने की कृपा कीजिए. (८)
O Mon! You are endowed with sacred and millennial qualities. You hold money for us. Please make us the officials of your building. (8)