हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 15.3.9

अध्याय 15 → खंड 3 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 15)

सामवेद: | खंड: 3
अभि प्रिया दिवः कविर्विप्रः स धारया सुतः । सोमो हिन्वे परावति ॥ (९)
हे सोम! आप स्वर्गलोक वासी, कवि और ब्राह्मण हैं. आप हमारे प्रिय स्थान (यज्ञ स्थान) की ओर अपनी प्रिय प्रेरणाओं का संचार करते हैं. (९)
O Mon! You are a resident of heaven, a poet and a Brahmin. You communicate your beloved inspirations towards our beloved place (yajna sthan). (9)