हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.12.1

अध्याय 16 → खंड 12 → मंत्र 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 12
आ घा ये अग्निमिन्धते स्तृणन्ति बर्हिरानुषक् । येषामिन्द्रो युवा सखा ॥ (१)
इंद्र जवान व यजमान के मित्र हैं. यजमान अग्नि को प्रज्वलित करते हैं. यजमान देवताओं के लिए कुश के आसन बिछाते हैं. (१)
Indra is a friend of the young and the host. Hosts ignite agni. The hosts lay the seats of Kush for the gods. (1)