हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.12.3

अध्याय 16 → खंड 12 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 12
अयुद्ध इद्युधा वृतँ शूर आजति सत्वभिः । येषामिन्द्रो युवा सखा ॥ (३)
युवा इंद्र जिन यजमानों के मित्र हैं वे युद्ध में रुचि नहीं रखते हैं, फिर भी शक्तिशाली सैन्य बल वाले शत्रु को हरा सकते हैं. (३)
Young Indra is a friend of the hosts whose friends are not interested in war, yet can defeat an enemy with a powerful military force. (3)