हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.2.1

अध्याय 16 → खंड 2 → मंत्र 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 2
एष धिया यात्यण्व्य शूरो रथेभिराशुभिः । गच्छन्निन्द्रस्य निष्कृतम् ॥ (१)
सोम शूरवीर हैं. अंगुलियों से इन्हें निचोड़ा जाता है. ये जल्दी चलने वाले रथ से बुद्धिपूर्वक इंद्र के पास जाते हैं. (१)
Som is a knight. They are squeezed with fingers. They intelligently go to Indra in a fast-moving chariot. (1)