हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.3.4

अध्याय 16 → खंड 3 → मंत्र 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 3
एष स्य मद्यो रसोऽव चष्टे दिवः शिशुः । य इन्दुर्वारमाविशत् ॥ (४)
सोम स्वर्गलोक के शिशु (बच्चे), मददायी और सर्द्रष्टा हैं. ये छलनी से शुद्ध होते हैं. (४)
Som is the infant (child), madman and serdashta of heaven. They are purified by sieves. (4)