हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.6.2

अध्याय 16 → खंड 6 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 6
स पवित्रे विचक्षणो हरिरर्षति धर्णसिः । अभि योनिं कनिक्रदत् ॥ (२)
सोमरस पवित्र, विलक्षण, हरा व सब को धारण करने वाला है. वह छलनी से छनते समय आवाज करता है. (२)
Someras is pure, unique, green and possesses all. He makes a sound while filtering with a sieve. (2)