हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 2.1.10

अध्याय 2 → खंड 1 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 2)

सामवेद: | खंड: 1
इदं वसो सुतमन्धः पिबा सुपूर्णमुदरम् । अनाभयिन्ररिमा ते ॥ (१०)
हे इंद्र! आप अंतर्यामी हैं. यह सोमरस लीजिए. अपनी प्रसन्नता के लिए इसे पीजिए, जिस से आप का पेट पूरी तरह भर जाए. आप सब ओर से निर्भय हैं. (१०)
O Indra! You are introverted. Take this somers. Drink it for your happiness, so that your stomach is completely filled. You are fearless on all sides. (10)