हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 2.1.3

अध्याय 2 → खंड 1 → मंत्र 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 2)

सामवेद: | खंड: 1
गाव उप वदावटे महि यज्ञस्य रप्सुदा । उभा कर्णा हिरण्यया ॥ (३)
हे गौओ! आप यज्ञ स्थान की ओर जाइए. आप धार्मिक यज्ञ विधाओं के लिए दूध आदि प्रदान कीजिए. आप के दोनों कान स्वर्ण से सुशोभित हैं. (३)
O goo! You go towards the yajna place. You should provide milk etc. for religious yajna disciplines. Both your ears are adorned with gold. (3)