सामवेद (अध्याय 2)
अद्य नो देव सवितः प्रजावत्सावीः सौभगम् । परा दुःष्वप्न्यँ सुव ॥ (७)
हे सूर्य! आप हमें पुत्रपौत्रं सहित धन प्रदान कीजिए. गरीबी बुरे सपने की तरह दुःखदायी है. आप उसे दूर कीजिए. (७)
O sun! You give us money with sons and grandsons. Poverty is as painful as a nightmare. You remove it. (7)