हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 23.2.6

अध्याय 23 → खंड 2 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 23)

सामवेद: | खंड: 2
तं गाथया पुराण्या पुनानमभ्यनूषत । उतो कृपन्त धीतयो देवानां नाम बिभ्रतीः ॥ (६)
यजमान पुरानी गाथाओं से सोमरस की उपासना करते हैं. यज्ञ कर्म हेतु चमकता हुआ सोम देवताओं को आहुति के रूप में भी दिया जाता है. (६)
The hosts worship Someras from old stories. A shining Soma is also given as an offering to the gods for yajna karma. (6)