सामवेद (अध्याय 24)
कुवित्सस्य प्र हि व्रजं गोमन्तं दस्युहा गमत् । शचीभिरप नो वरत् ॥ (१२)
हे इंद्र! चोर व डाकू जो गाएं चुराते हैं, आप उन गायों को अपने अधीन कर लेते हैं. आप उन गायों से हमें गोवान बना देते हैं. (१२)
O Indra! Thieves and robbers who steal cows, you subjugate those cows. You make us Goan from those cows. (12)