सामवेद (अध्याय 24)
तद्विप्रासो विपन्युवो जागृवाँसः समिन्धते । विष्णोर्यत्परमं पदम् ॥ (५)
जाग्रत यजमान अपने श्रेष्ठ यज्ञ कर्मो से विष्णु के श्रेष्ठ पद को प्राप्त करते हैं. (५)
The awakened host attains the best position of Vishnu through his best yajna karma. (5)