हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 25.1.12

अध्याय 25 → खंड 1 → मंत्र 12 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 25)

सामवेद: | खंड: 1
मन्दन्तु त्वा मघवन्निन्द्रेन्दवो राधोदेयाय सुन्वते । आमुष्या सोममपिबश्चमू सुतं ज्येष्ठं तद्दधिषे सहः ॥ (१२)
हे इंद्र! आप धनवान हैं. सोमरस आप को मदमस्त बना दे. आप इस सोमरस को पीजिए. आप हमें और हमारे बेटों को खूब धन दीजिए. (१२)
O Indra! You are rich. May Someras make you mad. You drink this somers. You give us and our sons a lot of money. (12)