हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 25.2.4

अध्याय 25 → खंड 2 → मंत्र 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 25)

सामवेद: | खंड: 2
एषो उषा अपूर्व्य व्युच्छति प्रिया दिवः । स्तुषे वामश्विना बृहत् ॥ (४)
हे अश्विनी! उषा अपूर्व, प्रिय व दिन लाती हैं. हम विशाल स्तोत्रों से उन की उपासना करते हैं. (४)
O Ashwini! Usha brings unique, dear and day. We worship him with huge hymns. (4)