हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 25.2.8

अध्याय 25 → खंड 2 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 25)

सामवेद: | खंड: 2
उषो अद्येह गोमत्यश्वावति विभावरि । रेवदस्मे व्युच्छ सूनृतावति ॥ (८)
हे उषा! आप गोवती व अश्ववती हैं. आप रात्रि के बाद दिन लाने वाली हैं. आप हमें पुत्र और धन दीजिए. (८)
O Usha! You are Govati and Ashwavati. You are going to bring day after night. You give us sons and money. (8)