सामवेद (अध्याय 6)
एना विश्वान्यर्य आ द्युम्नानि मानुषाणाम् । सिषासन्तो वनामहे ॥ (८)
सोम की कृपा से मनुष्यों के लिए चाहे गए सभी प्रकार के धन हमें प्राप्त हों. हम उन धनों के श्रेष्ठ उपयोग की इच्छा रखते हैं. (८)
By the grace of Soma, we should get all kinds of money that we want for humans. We wish for the best use of those funds. (8)