सामवेद (अध्याय 6)
आ प्रागाद्भद्रा युवतिरह्नः केतून्त्समीर्त्सति । अभूद्भद्रा निवेशनी विश्वस्य जगतो रात्री ॥ (७)
सूर्य॒ की किरणों को समेटने वाली रात्रि रूपी स्त्री आ गई है. यह सारे संसार को आराम देने वाली है. यह सारे संसार का कल्याण चाहने वाली है. (७)
The night-like woman who covers the rays of the sun has come. It is going to relax the whole world. It seeks the welfare of the whole world. (7)