हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 8.2.10

अध्याय 8 → खंड 2 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 8)

सामवेद: | खंड: 2
इदम् वसो सुतमन्धः पिबा सुपूर्णमुदरम् । अनाभयिन्ररिमा ते ॥ (१०)
हे इंद्र! आप सर्वव्यापक हैं. आप पेट भर कर इस सोमरस को पीजिए. हम आप जैसे निर्भय को सोमरस समर्पित करते हैं. (१०)
O Indra! You are omnipresent. You fill your stomach and drink this somerus. We dedicate Someras to a fearless one like you. (10)