हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 8.2.12

अध्याय 8 → खंड 2 → मंत्र 12 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 8)

सामवेद: | खंड: 2
तं ते यवं यथा गोभिः स्वादुमकर्म श्रीणन्तः । इन्द्र त्वास्मिन्त्सधमादे ॥ (१२)
हे इंद्र! जौ से जिस प्रकार पुरोडाश (भोग) बनाया जाता है, उसी प्रकार सोम रस में गाय का दूध मिला कर उसे हम ने तैयार किया है. वह सोमरस स्वादिष्ट है. हम उसी सोमरस को पीने के लिए यज्ञ में आप को आमंत्रित करते हैं. (१२)
O Indra! Just as purodash (bhog) is made from barley, we have prepared it by mixing cow's milk in Som rasa. That somers is delicious. We invite you to the yagna to drink the same Somerasa. (12)