सामवेद (अध्याय 8)
प्र सोमासो विपश्चितोऽपो नयन्त ऊर्मयः । वनानि महिषा इव ॥ (१)
सागर की लहरें सागर में जैसे मिल जाती हैं, वैसे सोमरस जल में मिल जाता है. वन में मिले भैंसों की तरह सोमरस जल में एकमेक हो जाता है. (१)
Just as the waves of the ocean meet in the ocean, somerus is found in the water. Like buffaloes found in the forest, somerus becomes one in the water. (1)
सामवेद (अध्याय 8)
अभि द्रोणानि बभ्रवः शुक्रा ऋतस्य धारया । वाजं गोमन्तमक्षरन् ॥ (२)
सोमरस चमकीला है. वह अपनी ऋत की धारा से भूरा सोम गाय के दूध में झरता है. वह शक्तिमान है. (२)
Somerus is bright. He springs from his stream of rice in brown som cow's milk. He is powerful. (2)
सामवेद (अध्याय 8)
सुता इन्द्राय वायवे वरुणाय मरुद्भ्यः । सोमा अर्षन्तु विष्णवे ॥ (३)
सोम इंद्र, वायु, मरुदगणों व विष्णु को प्राप्त हों. (३)
May Soma be attained by Indra, Vayu, Marudaganas and Vishnu. (3)
सामवेद (अध्याय 8)
प्र सोम देववीतये सिन्धुर्न पिप्ये अर्णसा । अँशोः पयसा मदिरो न जागृविरच्छा कोशं मधुश्चुतम् ॥ (४)
हे सोम! आप को पानी से भरीपूरी नदियों की तरह पानी में मिलाया जाता है. आप मदिर (आनंददायी) व जाग्रत हैं. मधुरता चुआते हुए सोमरस (पात्र में) इकट्ठा होता है. (४)
O Mon! You are mixed with water like full rivers full of water. You are happy and awake. Someras (in the vessel) gathers, chewing sweetness. (4)
सामवेद (अध्याय 8)
आ हर्यतो अर्जुनो अत्के अव्यत प्रियः सूनुर्न मर्ज्यः । तमीँ हिन्वन्त्यपसो यथा रथं नदीष्वा गभस्त्योः ॥ (५)
सोमरस को बच्चे की तरह साफसुथरा बना लिया है. प्रिय सोमरस को तेज गति से जल में मिलाया जाता है. वह वैसे ही वेग से पानी में मिलता है, जैसे युद्ध में तेज गति से कोई रथ जाता है. (५)
Someras has been made clean like a child. Dear Somers is added to water at a fast pace. It gets into the water at the same speed as a chariot in war. (5)
सामवेद (अध्याय 8)
प्र सोमासो मदच्युतः श्रवसे नो मघोनाम् । सुता विदथे अक्रमुः ॥ (६)
सोमरस आनंद बरसाने वाला व यशदाता है. वह यज्ञ में निरंतर पहुंच कर इच्छाओं की पूर्ति करता है. (६)
Someras is a source of joy and a giver of success. He fulfills the wishes by constantly reaching the yajna. (6)
सामवेद (अध्याय 8)
आदीँ हँसो यथा गणं विश्वस्यावीवशन्मतिम् । अत्यो न गोभिरज्यते ॥ (७)
सोमरस हंस की गति से जाता है. वह संसार के बुद्धिमानों की बुद्धि तक पहुंच रखता है. (७)
Somerus goes at the speed of the swan. He has access to the wisdom of the world's wise. (7)
सामवेद (अध्याय 8)
आदीं त्रितस्य योषणो हरिँ हिन्वन्त्यद्रिभिः । इन्दुमिन्द्राय पीतये ॥ (८)
सोमरस हरा है. इसे पत्थरों से कूट कर निचोड़ा जाता है. उस को तीन ऋषियों की अंगुलियों से इंद्र के पीने के लिए निचोड़ा जाता है. (८)
Somerus is green. It is crushed with stones and squeezed. It is squeezed with the fingers of three sages for Indra to drink. (8)