यजुर्वेद (अध्याय 12)
याः फ॒लिनी॒र्याऽअ॑फ॒लाऽअ॑पु॒ष्पा याश्च॑ पु॒ष्पिणीः॑। बृह॒स्पति॑प्रसूता॒स्ता नो॑ मुञ्च॒न्त्वꣳह॑सः ॥ (८९)
"फल वाली, फलहीन, पुष्पहीन, पुष्पवती, बहुत उत्पन्न होने वाली ओषधियां हमें रोगों से मुक्त कराने की कृपा करें. (८९)
अध्याय 12 → मंत्र 89 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation