यजुर्वेद (अध्याय 13)
मधु॒ नक्त॑मु॒तोषसो॒ मधु॑म॒त् पार्थि॑व॒ꣳ रजः॑। मधु॒ द्यौर॑स्तु नः पि॒ता ॥ (२८)
रात्रि मधुर हो. उषा मधुर हो. पृथ्वी मधुमती हो. रज मधुर हो. हमारे पिता स्वर्गलोक मधुमय होने की कृपा करें. (२८)
May the night be sweet. Usha is sweet. The earth is honey. Raj is sweet. Please bless our Father to be be honey in heaven. (28)