हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 13.41

अध्याय 13 → मंत्र 41 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
आ॒दि॒त्यं गर्भं॒ पय॑सा॒ सम॑ङ्धि स॒हस्र॑स्य प्रति॒मां वि॒श्वरू॑पम्। परि॑वृङ्धि॒ हर॑सा॒ माभि म॑ꣳस्थाः श॒तायु॑षं कृणुहि ची॒यमा॑नः ॥ (४१)
आप आदित्य के गर्भ को दूध से सीचिए. आप हजारों रूपों बाले हैं. आप अपने तेज से रोगों का नाश कीजिए. आप यजमान को शतायु और उसे अहंकार से मुक्त कीजिए. (४१)
You irrigate Aditya's womb with milk. You are thousands of forms. You destroy diseases with your speed. You give the host a centennial and free him from arrogance. (41)