हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 18.49

अध्याय 18 → मंत्र 49 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
तत्त्वा॑ यामि॒ ब्रह्म॑णा॒ वन्द॑मान॒स्तदा शा॑स्ते॒ यज॑मानो ह॒विर्भिः॑। अहे॑डमानो वरुणे॒ह बो॒ध्युरु॑शꣳस॒ मा न॒ऽआयुः॒ प्रमो॑षीः ॥ (४९)
हे बरुण देव! ब्रा्मणगण मंत्रों से आप का वंदन करते हैं. यजमान सदैव हवियों द्वारा आप की अभिशंसा (प्रशंसा और उपासना) करते हैं. हम यहां सुख चाहते हुए वरुण देव की प्रशंसा और उपासना करते हैं. उन्हें प्रार्थना सुनने के लिए जाग्रत करते हैं. वे हम पर क्रोध न करें. हमारी आयु को कम न करें. (४९)
O God! Brahmins worship you with mantras. Hosts always praise (praise and worship) you through the wives. We praise and worship Varun Dev here while wanting happiness. Wake them up to listen to prayers. Don't make them angry with us. Don't reduce our age. (49)