यजुर्वेद (अध्याय 20)
यत्रेन्द्र॑श्च वा॒युश्च॑ स॒म्यञ्चौ॒ चरतः स॒ह।तं लो॒कं पुण्यं॒ प्रज्ञे॑षं॒ यत्र॑ से॒दिर्न वि॒द्यते॑ ॥ (२६)
जहां इंद्र देव और वायु साथसाथ विचरण करते हैं, हम उस पवित्र और ज्ञानमय लोक को प्राप्त करें. (२६)
Where Indra Dev and Vayu move together, let us attain that pure and enlightened world. (26)