यजुर्वेद (अध्याय 20)
समि॑द्ध॒ऽइन्द्र॑ऽउ॒षसा॒मनी॑के पुरो॒रुचा॑ पूर्व॒कृद्वा॑वृधा॒नः। त्रि॒भिर्दे॒वैस्त्रि॒ꣳशता॒ वज्र॑बाहुर्ज॒घान॑ वृ॒त्रं वि दुरो॑ ववार ॥ (३६)
इंद्र देव समिधावान हैं. सब से पहले उषा काल में पूर्व दिशा को प्रकाशित करते हैं. पहले किए की बढ़ोतरी करते हैं. तीन के तिगुने सैकड़ों देवों के साथ आगे बढ़ते हैं. इंद्र देव ने वृत्र को मारा और द्वार खोले. (३६)
Indra Dev is a samidhavan. First of all, let's illuminate the east direction in the Usha period. Let's increase the first done. Three times the three proceed with hundreds of devas. Indra Dev killed Vritra and opened the doors. (36)