हरि ॐ

यजुर्वेद (Yajurved)

यजुर्वेद 20.56

अध्याय 20 → मंत्र 56 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

यजुर्वेद:
त॒नू॒पा भि॒षजा॑ सु॒तेऽश्विनो॒भा सर॑स्वती।मध्वा॒ रजा॑सीन्द्रि॒यमिन्द्रा॑य प॒थिभि॑र्वहान् ॥ (५६)
दोनों वैद्य अश्विनीकुमार हमारे तन के रक्षक हैं. देवी सरस्वती मधुर सोमरस को अनेक मार्गो से वहन करती हुई इंद्र देव के लिए ले जाती हैं. (५६)
Both Vaidya Ashwinikumar are the protectors of our body. Goddess Saraswati carries the sweet Somerasa through many ways and takes it to Indra Dev. (56)